॥ हरि: शरणम्‌ !॥

॥ हरि: शरणम्‌ !॥

॥ हरि: शरणम्‌ !॥

यदि भगवान्‌ के पास कामना लेकर जायँगे तो भगवान्‌ संसार बन जायँगे और यदि संसार के पास निष्काम होकर जायँगे तो संसार भी भगवान्‌ बन जाएगा । अत: भगवान्‌ के पास उनसे प्रेम करने के लिए जाएँ और संसार के पास सेवा करने के लिए, और बदले में भगवान्‌ और संसार दोनों से कुछ न चाहें तो दोनों से ही प्रेम मिलेगा। - स्वामी श्रीशरणानन्दजी

आश्रम

भारत के विभिन्न प्रदेशों में मानव सेवा संघ के आश्रम:

मानव सेवा संघ-वृन्दावन

यह आश्रम ब्रजक्षेत्र के प्रमुख तीर्थ-स्थल, बालकृष्ण की क्रीडा-भूमि, श्री वृन्दावन-धाम में मथुरा-वृन्दावन रोड पर स्थित है। इस आश्रम की स्थापना २६ फरवरी, १९५२ को ब्रह्मलीन पूज्यपाद श्री स्वामी शरणानन्दजी महाराज द्वारा हुई। यह 'मानव सेवा संघ' (पंजीकृत संस्था) का मुख्यालय एवं 'मानव सेवा संघ' की नानाविधि सेवा-प्रवृत्तियों एवं बहुआयामी गतिविधियों का केन्द्र है।

यहाँ नित्य-प्रति प्रातः एवं सायं सत्संग की बैठकें होती हैं। प्रत्येक एकादशी को प्रातः ८ से ९ तक सत्संग की एक और बैठक होती है। प्रतिवर्ष होली पर यहाँ 'मानव सेवा संघ' का 'वार्षिक-अधिवेशन' होता है। श्रावण एवं दीपावली पर विशेष सत्संग-समारोह होते हैं। 'वार्षिक-अधिवेशन' में भाग लेने के लिए सभी गणमान्य सदस्य एवं भारत के अनेक प्रदेशों में फैली 'मानव सेवा संघ' की शाखाओं के प्रतिनिधि एवं कार्यकर्ता एवं सभी आश्रमों के पदाधिकारी आकर सक्रिय सहयोग प्रदान करते हैं।

प्रेम निकेतन आश्रम-जयपुर

सन् १९५७ में स्थापित यह आश्रम जयपुर शहर से लगभग १० किमी० दूर दुर्गापुरा बस्ती के पास स्थित है। यहाँ प्रतिदिन प्रातः और सायं 'सत्संग' की बैठकें नियमित रुप से होती हैं। इनके अतिरिक्त प्रत्येक रविवार और प्रत्येक एकादशी को 'सत्संग' की विशेष बैठक प्रातः ८ से ९ तक होती है।

निवारणपुर आश्रम-राँची

'मानव सेवा संघ' के कार्यकर्ताओं, प्रेमियों तथा राँची के निवासियों के प्रयास से राँची-शहर में तपोभूमि श्री राम मन्दिर के पास यह आश्रम स्थित है। यहाँ की जमीन बहुत उपजाऊ है।

आरोग्य आश्रम-गाजीपुर

सन् १९५० में स्थापित इस आश्रम में एक नेत्र-चिकित्सालय सेवारत है, जो अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित है। इस आश्रम में एक शल्य चिकित्सालय तथा एक बाह्य-रोगी विभाग भी सेवारत है। चिकित्सालय में प्रतिवर्ष अक्टूबर से मार्च तक अनेक नेत्र-शिविरों का आयोजन किया जाता है, जिनमें वाराणसी के ख्यति-प्राप्त शल्य-चिकित्सक अपनी सेवाएँ प्रदान करते हैं। इस चिकित्सालय की इकाई के रूप में एक नेत्र संग्रह केन्द्र (Corneal Transplant Centre) भी स्थापित किया गया है।

निर्माण निकेतन आश्रम-राँची

यह आश्रम झारखण्ड प्रदेश में राँची नगर से १३ किमी० दूर उत्तर-पूर्व दिशा में ग्राम एवं पोस्ट बोडिया में स्थित है। इस आश्रम की स्थापना ६ फरवरी, १९५६ को हुई थी। यह आश्रम प्राकृतिक शोभायुक्त सुहावने वातावरण में है, जहाँ साधक मूक-सत्संग तथा शान्ति-सम्पादन कर साधन का निर्माण कर सकते हैं। इस आश्रम में सुरम्य उद्यान हैं, जिसमें अनेक फलदार वृक्ष लगे हुए हैं। यहाँ प्रतिदिन सत्संग की बैठक होती है तथा विद्या‌‍र्थियों को सेवा-सहायता प्रदान की जाती है। यहाँ एक गौशाला भी है।

जागृति आश्रम-बिठूर

महर्षि वाल्मीकि की तपस्थली, बिठूर में पुण्यसलिला भागीरथी के तट के समीप यह आश्रम स्थित है। इसमें साधकों के निवास के लिए कुछ कुटियाँ बनी हुई हैं। एक बड़ा 'सत्संग हॉल' भी बना हुआ है। इस आश्रम में सत्संग योजना के साथ-साथ रोगी-सेवा, वृक्ष-सेवा एवं अन्य सेवा-प्रवृत्तियाँ भी संचालित हैं।